BSF Foundation Day: आज देश भर में सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। यह बल 1965 में भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा और सीमा पार होने वाले अपराधों को रोकने के लिए गठित किया गया था। बीएसएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है और देश की सुरक्षा में उसकी भूमिका अतुलनीय है। विशेष रूप से बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम में बीएसएफ की भूमिका को इतिहास कभी नहीं भूल सकता। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी बीएसएफ के जवानों ने अद्भुत साहस दिखाया, जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया। सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों की वजह से ही हर नागरिक आज सुरक्षित महसूस कर सकता है।
तीन सीमाओं पर बीएसएफ की चौकसी
बीएसएफ के बारे में बात करें तो यह एकमात्र ऐसा केंद्रीय सशस्त्र बल है जो थल, जल और गगन—तीनों सीमाओं पर देश की रक्षा करता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में बताया कि बीएसएफ का एकमात्र लक्ष्य भारत की सुरक्षा है। आज 193 बटालियनों और करीब 2.76 लाख जवानों की ताकत के साथ यह बल पाकिस्तान से सटी 2,279 किलोमीटर और बांग्लादेश से सटी 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा की पूरी निगरानी करता है। जवानों की कड़ी मेहनत से ही सीमाओं की चौकसी पूरी तरह सुनिश्चित हो पाती है।
वीरता की अद्भुत गाथा: 2013 शहीदों का बलिदान
सीमा सुरक्षा बल के 2013 बहादुर जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर गर्व जताया और कहा कि यह बलिदानी जवानों की वजह से ही भारत की सीमाएं अखंड और सुरक्षित बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला वर्ष बीएसएफ जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित रहेगा। देश उनके साहस और त्याग को कभी नहीं भूलेगा, जो हमेशा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
आधुनिकीकरण और जवानों के कल्याण की दिशा में कदम
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार बीएसएफ के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। अगले पांच वर्षों के भीतर इसे विश्व का सबसे आधुनिक और सक्षम सीमा सुरक्षा बल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही जवानों और उनके परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं भी शुरू की जाएंगी। यह पहल न केवल बल की ताकत बढ़ाएगी बल्कि जवानों को भी प्रोत्साहित करेगी कि वे अपनी पूरी क्षमता से देश की सेवा करें।
देश की सुरक्षा में बीएसएफ की अमिट छाप
बीएसएफ के जवान दिन-रात सीमा पर तैनात रहते हैं ताकि हर नागरिक सुरक्षित रह सके। उनका समर्पण, साहस और अनुशासन देश की सुरक्षा की मजबूत नींव हैं। स्थापना दिवस के इस अवसर पर हम सभी को उनकी मेहनत और त्याग को सम्मानित करना चाहिए। बीएसएफ की बहादुरी और प्रतिबद्धता से ही भारत की सीमाएं मजबूत और सुरक्षित बनी हुई हैं। आने वाला समय बीएसएफ के लिए नई चुनौतियों और नई उपलब्धियों का दौर होगा, जिसमें यह बल देश को हर हाल में सुरक्षित रखने के लिए तैयार रहेगा।



