प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुरादाबाद सपा कार्यालय को खाली करने के प्रशासनिक आदेश को रद्द कर दिया है। यह फैसला सपा के लिए राहतभरा और मुरादाबाद प्रशासन के लिए झटका साबित हुआ है। कोर्ट ने पहले ही 9 अक्टूबर को इस पर रोक लगाई थी और 28 अक्टूबर की सुनवाई तय की थी। यह आदेश जस्टिस अरिंदम सिन्हा और जस्टिस सत्य वीर सिंह की डबल बेंच ने दिया।
प्रशासन का नोटिस और सपा की चुनौती
जिला प्रशासन ने पहले सपा कार्यालय खाली करने का नोटिस जारी किया था। नोटिस में दो सप्ताह के अंदर दफ्तर खाली करने को कहा गया था। लेकिन सपा ने इस आदेश को अदालत में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता देखते हुए तुरंत कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इससे सपा नेताओं को राहत मिली और प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े।
31 साल बाद रद्द हुआ था अलॉटमेंट
जानकारी के मुताबिक यह बंगला नंबर 4, सिविल लाइंस इलाके में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के सामने स्थित है। इसे साल 1994 में उस समय के मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को 2500 रुपये मासिक किराये पर अलॉट किया गया था। करीब 31 साल बाद प्रशासन ने इसका अलॉटमेंट रद्द कर दिया था और 6 अक्टूबर को दफ्तर खाली कराने की कार्रवाई शुरू की थी।
मौके पर थी प्रशासनिक टीम
जब प्रशासनिक टीम सपा कार्यालय पहुंची तो वहां जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, पूर्व विधायक हाजी रिजवान और कई कार्यकर्ता पहले से मौजूद थे। जिलाध्यक्ष ने बताया कि 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि है इसलिए फर्नीचर और दस्तावेज हटाने के लिए चार दिन का समय चाहिए। प्रशासन ने यह मोहलत दे दी थी लेकिन 11 अक्टूबर को कब्जा लेने की तैयारी थी। इससे पहले ही कोर्ट ने रोक लगा दी।
कोर्ट के आदेश से फिलहाल राहत
अब हाईकोर्ट के नए आदेश से प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह रुक गई है। सपा जिला इकाई ने इस फैसले का स्वागत किया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह केवल दफ्तर नहीं बल्कि सपा के संघर्ष और इतिहास का प्रतीक है। उधर, प्रशासन ने कहा है कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और आगे की कार्रवाई कानूनी सलाह के बाद तय होगी।



