UP News: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गाजियाबाद में सुप्रीम कोर्ट के प्रदूषण नियंत्रण आदेश का पालन न करने के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव, जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। मंत्रालय ने संबंधित अधिकारियों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने और कार्रवाई की रिपोर्ट मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।
मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक एवं विज्ञानी डॉ. अमित लव द्वारा जारी नोटिस में बताया गया है कि याचिकाकर्ता वीके मित्तल के अधिवक्ता गौरव गोयल ने 24 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नोटिस मंत्रालय को भेजी थी। यह नोटिस 15 नवंबर 2022 के सुप्रीम कोर्ट आदेश के पालन से संबंधित है।
कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि गाजियाबाद प्रशासन हरित क्षेत्रों का रखरखाव सुनिश्चित करे और यातायात प्रबंधन योजना लागू रखे। प्रशासन को यह भी देखना था कि योजना का पालन लगातार हो। अधिवक्ता के नोटिस में बताया गया कि इन निर्देशों का पालन नहीं हुआ है।
नोटिस की प्रतिलिपि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार, संयुक्त सचिव (वायु प्रदूषण नियंत्रण), मंडल आयुक्त मेरठ मंडल, जिलाधिकारी गाजियाबाद, उपाध्यक्ष गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, प्रबंध निदेशक यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम, क्षेत्रीय अधिकारी यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पुलिस आयुक्त को भेजी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
2022 में वीके मित्तल ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने गाजियाबाद प्रशासन पर आरोप लगाया था कि ट्रैफिक जाम और हरित क्षेत्र के रखरखाव की कमी से प्रदूषण बढ़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को यातायात प्रबंधन लागू करने और हरित क्षेत्र बनाए रखने का आदेश दिया था। आदेश का पालन न होने पर याचिकाकर्ता ने मंत्रालय को नोटिस भेजा।



