
59वां IHGF दिल्ली मेला-Spring 2025: वैश्विक खरीदारों के बीच भारत के हस्तशिल्प की चमक
ग्रेटर नोएडा, 19 अप्रैल 2025 : ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में 16 से 19 अप्रैल तक आयोजित 59वां IHGF दिल्ली मेला-Spring 2025 एक शानदार समापन के साथ समाप्त हुआ। इस मेले में विश्वभर के 112 देशों से 5800 से अधिक विदेशी खरीदार शामिल हुए और अनुमानित ₹2200 करोड़ का व्यापार हुआ। समापन समारोह में NDMC उपाध्यक्ष श्री कुलजीत चहल मुख्य अतिथि रहे, जबकि मुरादाबाद के मेयर श्री विनोद अग्रवाल ने 12 श्रेणियों में श्रेष्ठ प्रदर्शकों को पुरस्कार प्रदान किए।

खरीदारों का उत्साह, प्रदर्शन की विविधता
मेले के दौरान खरीदारों की उत्साहजनक उपस्थिति और गहन व्यावसायिक चर्चाओं ने आयोजन को वैश्विक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया। ईपीसीएच अध्यक्ष श्री दिलीप बैद ने कहा कि “प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों, थोक विक्रेताओं और स्वतंत्र खरीदारों की मौजूदगी ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।”

डॉ. राकेश कुमार ने बताया आगामी योजनाएं
IEML अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि “3,000 से अधिक प्रदर्शकों, 900 स्थायी शोरूम और लाइव शिल्प प्रदर्शनों ने मेले को जीवंत और उद्देश्यपूर्ण बनाया। अब फोकस अक्टूबर 2025 में प्रस्तावित Autumn संस्करण पर होगा।”
ट्रेंड्स में नया बदलाव
ईपीसीएच उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, “इस संस्करण में स्थिरता, कच्चे माल की परंपरा से जुड़ी कहानियां और आधुनिकता का संगम देखा गया।” उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता ने बताया कि विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध रहे जिससे खरीदारों को बेहतर विकल्प मिले।
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की राय
यूएसए के टिम ओ’हर्न और ऑस्ट्रेलिया की केली लेमन जैसे खरीदारों ने भारतीय हस्तशिल्प की गुणवत्ता, विविधता और कलात्मकता की सराहना की।
ईपीसीएच की भूमिका और भविष्य की दृष्टि
ईपीसीएच कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि “1000 से अधिक घरेलू खरीदारों की मौजूदगी के साथ, अजय शंकर और पी.एन. सूरी पुरस्कार 12 श्रेणियों में प्रदान किए गए।” इसके अलावा, कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं द्वारा लाइव डेमो, रैंप शो और वर्कशॉप्स भी आयोजित की गईं।
भारत के कारीगरों को वैश्विक मंच
ईपीसीएच का उद्देश्य न केवल भारत के हस्तशिल्प को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण कारीगरों और शिल्पकारों को वैश्विक पहचान भी दिलाना है। FY 2024-25 के दौरान भारत का हस्तशिल्प निर्यात ₹33,490.79 करोड़ (US$ 3959.86 मिलियन) रहा।

