
IHGF दिल्ली मेला 2025 ने तीसरे दिन खरीदारों को किया आकर्षित।
Greater Noida: IHGF दिल्ली मेला 2025 ने तीसरे दिन खरीदारों के बीच खासा उत्साह पैदा किया। 16 से 19 अप्रैल तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में आयोजित इस भव्य आयोजन में कला, क्राफ्ट, फैशन और टेक्नोलॉजी का अद्भुत मेल देखने को मिला। इसमें सस्टेनेबल इनोवेशन और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की मांग में स्पष्ट वृद्धि देखी गई, जिससे आईएचजीएफ दिल्ली मेला की पहचान और मजबूत हुई।


इस मेले में विजुअल मर्चेंडाइजिंग, एआई-आधारित डिज़ाइन, और निर्यात प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी के प्रयोग पर केंद्रित सेमिनारों में भी भारी भागीदारी रही। रैंप शो और लाइव प्रदर्शनों ने मेला स्थल को एक जीवंत अनुभव बना दिया।
IHGF दिल्ली मेला 2025: सरकारी प्रतिनिधियों की भागीदारी और सराहना
मेले का दौरा भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की सचिव श्रीमती नीलम शमी राव और हरकरघा विकास आयुक्त श्रीमती एम. बीना ने किया। उन्होंने ईपीसीएच के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रदर्शित उत्पादों की विविधता और गुणवत्ता की प्रशंसा की। आईएचजीएफ दिल्ली मेला-स्प्रिंग 2025 ने भारतीय हस्तशिल्प की ताकत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया।
इसके अतिरिक्त राज्यसभा सांसद श्री जावेद अली खान, मंत्रालयों के उच्च अधिकारी और अन्य प्रतिनिधि भी मेले में शामिल हुए। उन्होंने भारतीय कारीगरों के प्रयासों को सराहा और कहा कि यह आयोजन वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान को सशक्त करता है।
व्यापार में तेजी और खरीदारों की सक्रियता
ईपीसीएच चेयरमैन श्री दिलीप बैद के अनुसार, IHGF दिल्ली मेला 2025 में सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की ओर खरीदारों की रुचि लगातार बढ़ रही है। इस मेला ने परंपरागत और नवीन दोनों प्रकार के उत्पादों को एक मंच पर प्रस्तुत किया। खरीदारों और आपूर्तिकर्ताओं के बीच नए संबंध बनते देखे गए और कई ऑर्डर पहले ही तय हो चुके हैं।
सस्टेनेबिलिटी और शिल्प की समृद्धता
डॉ. राकेश कुमार, अध्यक्ष आईईएमएल और महानिदेशक ईपीसीएच ने बताया कि मेले में प्रदर्शित कई उत्पाद प्राकृतिक रंगों और रीसाइकल सामग्रियों से बने हैं। कपास, जूट, स्क्रैप मटेरियल और पारंपरिक तकनीकों के माध्यम से तैयार किए गए ये उत्पाद पर्यावरण जागरूकता का प्रमाण हैं।
उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने ईपीसीएच सस्टेनेबिलिटी बूथ के माध्यम से प्रस्तुत नवाचारों की विशेषता बताते हुए कहा कि इन डिजाइनों में प्राकृतिक संसाधनों का जिम्मेदार उपयोग किया गया है। वहीं, उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता ने साझा किया कि कार्यशालाओं में डिजिटल टूल्स और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर खरीदारों और प्रदर्शकों को नई जानकारी मिली।
प्रदर्शनों और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की प्रतिक्रिया
स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री निर्मल भंडारी ने बताया कि लाइव डेमो, जैसे मधुबनी पेंटिंग, पश्मीना कढ़ाई, और सिक्की घास कला, मेले में अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों को खासा लुभा रहे हैं।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने कहा कि यह आयोजन भारतीय हस्तशिल्प के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थायी ब्रांड बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। 2024-25 में हस्तशिल्प निर्यात का अनुमानित मूल्य ₹33,490.79 करोड़ रहा है।
खरीदारों की प्रतिक्रियाएं
जर्मनी के नियमित खरीदार एक्सेल ने कहा कि वे पिछले 9 वर्षों से यहां आ रहे हैं और इस बार भी शानदार कलेक्शन देखकर बहुत प्रभावित हैं। वहीं, यूके से आए क्रिस मोरलैंड ने डिज़ाइन और नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि यह मेला उनके लिए नए साझेदारों से जुड़ने का बेहतरीन अवसर है।
अंतिम झलक: नवाचार और ऊर्जा का संगम
तीसरे दिन का समापन खरीदारों, प्रदर्शकों और आयोजकों के बीच सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह के साथ हुआ। IHGF दिल्ली मेला 2025 न केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं में भी एक मिसाल बनकर उभरा है।

