
गुरुवार को Stock markets सपाट बंद हुआ। कारोबार के अंत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 10.31 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 74,612.43 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 2.5 अंकों की गिरावट के साथ 22,545.05 पर बंद हुआ। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद बाजार ने सीमित दायरे में कारोबार किया।
किन शेयरों में रही सबसे ज्यादा हलचल?
आज के कारोबार में श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance), बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance), बजाज फिनसर्व (Bajaj Finserv), सन फार्मा (Sun Pharma) और हिंदाल्को इंडस्ट्रीज (Hindalco Industries) के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई। दूसरी ओर, अल्ट्राटेक सीमेंट (UltraTech Cement), ट्रेंट (Trent), टाटा मोटर्स (Tata Motors), बजाज ऑटो (Bajaj Auto) और हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) के शेयरों में गिरावट देखी गई।

सेक्टोरल इंडेक्स का हाल
अगर सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो बैंक और मेटल सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। ऑटो, मीडिया, एनर्जी, ऑयल और गैस, कैपिटल गुड्स, रियल्टी और पावर सेक्टर में 1-3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। वहीं, BSE का मिडकैप इंडेक्स 1% गिरा और स्मॉलकैप इंडेक्स में 2% की गिरावट दर्ज की गई। इससे स्पष्ट है कि मिड और स्मॉलकैप शेयरों पर बिकवाली का दबाव रहा।

वैश्विक बाजारों का मिला-जुला रुख
गुरुवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों में मिला-जुला रुझान देखने को मिला। अमेरिकी शेयर बाजारों में सुस्ती बनी रही। S&P 500 मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Industrial Average) में 0.2% की बढ़त दर्ज की गई। वहीं, यूरोपीय बाजारों में गिरावट रही।
यूरोपीय बाजारों की स्थिति:
- जर्मनी का DAX 0.9% गिरकर 22,584.04 पर बंद हुआ।
- फ्रांस का CAC 40 0.3% गिरकर 8,122.00 पर बंद हुआ।
- ब्रिटेन का FTSE 100 लगभग स्थिर रहा और 8,734.36 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों की स्थिति:
- टोक्यो का निक्केई 225 (Nikkei 225) 0.3% चढ़कर 38,256.17 पर बंद हुआ।
- हांगकांग का हैंग सेंग (Hang Seng) 0.3% गिरकर 23,718.29 पर बंद हुआ।
- शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) शुरुआती गिरावट के बाद 0.2% की बढ़त लेकर 3,388.06 पर बंद हुआ।
बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण
1. बाजार में अस्थिरता जारी
हाल ही में वैश्विक स्तर पर आर्थिक नीतियों में बदलाव और ब्याज दरों से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेशकों में सतर्कता है।
2. FII और DII की भागीदारी
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की रणनीति भी बाजार को प्रभावित कर रही है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है, जबकि घरेलू निवेशकों ने कुछ हद तक बाजार को सहारा दिया है।
3. कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
कच्चे तेल की कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव भी बाजार पर असर डाल रहा है। इससे ऊर्जा और ऑटो सेक्टर के शेयरों पर दबाव बना हुआ है।
4. अगले तिमाही के नतीजों का इंतजार
निवेशक अगली तिमाही के वित्तीय नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार में सतर्कता बनी हुई है। कंपनियों के मुनाफे और आगामी वित्तीय नीतियों पर बाजार की नजर बनी हुई है।
निवेशकों के लिए रणनीति
बाजार की अस्थिरता को देखते हुए निवेशकों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- लंबी अवधि के निवेशकों को मजबूत कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखना चाहिए।
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को बाजार की चाल पर नज़र रखनी होगी और स्टॉप-लॉस के साथ ट्रेडिंग करनी चाहिए।
- बैंकिंग और मेटल सेक्टर में निवेश के अवसर दिख रहे हैं, जबकि ऑटो और रियल्टी सेक्टर में अभी सतर्कता बरतना बेहतर रहेगा।
आगे की संभावनाएँ
आने वाले दिनों में बाजार की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति और ब्याज दरों से जुड़ी घोषणाएँ महत्वपूर्ण रहेंगी।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति बैठक और महंगाई दर से जुड़े आँकड़ों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।
- वैश्विक बाजारों की चाल भी घरेलू बाजार को प्रभावित कर सकती है।
- कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार हल्की बढ़त और गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सीमित दायरे में कारोबार करते नजर आए। सेक्टोरल स्तर पर केवल बैंकिंग और मेटल सेक्टर में खरीदारी दिखी, जबकि अन्य सेक्टरों में बिकवाली का दबाव बना रहा। वैश्विक बाजारों से भी मिला-जुला संकेत मिला, जिससे निवेशकों में सतर्कता बनी हुई है। आगे बाजार की दिशा वैश्विक आर्थिक कारकों और घरेलू नीतियों पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सोच-समझकर और लंबी अवधि की रणनीति के तहत निवेश करना चाहिए।

