
Mutual Fund SIP: भारतीय शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, लेकिन इसके बावजूद म्यूचुअल फंड में SIP करने वाले निवेशकों का भरोसा कम नहीं हो रहा है। निवेशक नियमित रूप से अपनी SIP जारी रख रहे हैं, ताकि वे लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकें। इस बीच, कई निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या SIP की तारीख से म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर कोई असर पड़ता है? क्या किसी खास तारीख पर निवेश करने से ज्यादा फायदा हो सकता है? यदि आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आइए इस विषय पर विस्तार से समझते हैं।
क्या SIP की तारीख से निवेश पर असर पड़ता है?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि SIP की तारीख से म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है। निवेश से होने वाली संपत्ति का निर्माण इस बात पर निर्भर करता है कि आपका पैसा बाजार में कितने समय तक निवेशित रहता है, न कि इस बात पर कि आपने किस तारीख को निवेश किया है।

इसका सीधा मतलब यह है कि बाजार में नियमित निवेश ही धन निर्माण का मुख्य आधार है। अगर आप लंबे समय तक निवेशित रहते हैं, तो बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि लंबी अवधि में बाजार की अस्थिरता संतुलित हो जाती है।

रिसर्च में क्या मिला SIP की तारीख को लेकर?
SIP की तारीख से जुड़े कई शोध किए गए हैं, जिसमें यह पाया गया है कि किसी खास तारीख को चुनने से म्यूचुअल फंड में मिलने वाले रिटर्न पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई निवेशक हर महीने की 1 तारीख को SIP करता है और दूसरा 15 तारीख को, तो लंबी अवधि में दोनों को लगभग समान रिटर्न मिलेगा।
अतः निवेशकों को किसी विशेष तारीख को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए, बल्कि नियमित रूप से SIP जारी रखनी चाहिए। SIP की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचाते हुए अनुशासित निवेश की आदत विकसित करने में मदद करती है।
मासिक, साप्ताहिक या दैनिक SIP – क्या कोई फर्क पड़ता है?
एक और महत्वपूर्ण सवाल यह है कि SIP को दैनिक, साप्ताहिक या मासिक आधार पर करने से रिटर्न में कोई फर्क पड़ता है या नहीं।
म्यूचुअल फंड विशेषज्ञों का कहना है कि SIP का फ्रीक्वेंसी (अवधि) रिटर्न पर बहुत ज्यादा असर नहीं डालती है। यह बात पिछले 10 वर्षों के औसत रिटर्न के आधार पर साबित हुई है। हालांकि, कुछ निवेशक मानते हैं कि अधिक बार SIP करने से बाजार की अस्थिरता को और अधिक संतुलित किया जा सकता है, लेकिन यह हमेशा सही नहीं होता।
अतः सबसे अच्छा तरीका यह है कि जब भी आपके पास निवेश के लिए पैसा उपलब्ध हो, आप SIP कर सकते हैं। यह रणनीति आपके निवेश अनुशासन को बनाए रखने में भी मदद करती है।
बाजार गिरने पर भी SIP जारी रखें
कई निवेशक बाजार में गिरावट को देखकर SIP बंद करने की गलती कर देते हैं। लेकिन वास्तव में, यही वह समय होता है जब निवेशकों को SIP जारी रखनी चाहिए। बाजार में गिरावट का मतलब है कि निवेशकों को कम दाम पर ज्यादा यूनिट्स मिल रही हैं, जो आगे चलकर जब बाजार ऊपर जाएगा तो अधिक लाभ प्रदान कर सकती हैं।
इसलिए, निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय अपनी निवेश योजना पर टिके रहना चाहिए और SIP को जारी रखना चाहिए।
SIP की सफलता के लिए जरूरी बातें
SIP के माध्यम से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- लंबी अवधि के लिए निवेश करें: SIP से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए कम से कम 5 से 10 वर्षों तक निवेशित रहना चाहिए।
- नियमित निवेश करें: बाजार की स्थिति कैसी भी हो, SIP को बीच में बंद न करें।
- अच्छे फंड का चयन करें: निवेश करने से पहले सही म्यूचुअल फंड चुनें, जिसमें अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड हो।
- बाजार की गिरावट में भी निवेश जारी रखें: गिरते बाजार में निवेश करने से अधिक यूनिट्स मिलती हैं, जिससे भविष्य में ज्यादा फायदा होता है।
अंततः, SIP की तारीख से रिटर्न पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। निवेशकों को केवल इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वे अनुशासित रूप से निवेश करें और लंबे समय तक बाजार में बने रहें। SIP का असली फायदा तभी मिलता है जब निवेशक धैर्य बनाए रखते हैं और बाजार की अस्थिरता से प्रभावित हुए बिना नियमित निवेश करते रहते हैं।
इसलिए, यदि आप भी SIP में निवेश कर रहे हैं, तो किसी खास तारीख को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि निवेश जारी रखें और धैर्य बनाए रखें। लंबी अवधि में SIP ही आपको धन निर्माण का सबसे अच्छा माध्यम साबित होगी।

