
Nirbhaya Case: आज से 12 साल पहले, देश को हिला देने वाले निर्भया केस ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह दुखद है कि आज भी हमें अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। 16 दिसंबर 2012 की रात, निर्भया के साथ एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। निर्भया केस के चार दोषियों को लगभग आठ साल बाद फांसी दी गई थी।
12 साल बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं
पीटीआई से बातचीत के दौरान, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, “आज 12 साल हो गए हैं और हालात वही हैं। दुख के साथ यह कहना पड़ता है कि हमें 7-8 साल तक खुद के लिए संघर्ष करना पड़ा। दुख की बात यह है कि आज भी स्थिति वही है, अब तो और भी बुरी हो गई है। कोई उम्मीद नहीं दिखती कि किसी को न्याय मिलेगा। पहले अपराधियों को पकड़ लिया जाता था और मामला अदालत तक पहुंच जाता था।”

आशा देवी ने कहा, “अब तो वह भी नजर नहीं आता। मामला दर्ज होता है, दो-चार दिन विरोध होते हैं और फिर मामला खत्म हो जाता है। यह बहुत दुखद है कि मुझे यह कहना पड़ता है कि अब कोई उम्मीद नहीं है कि हमारे देश में बेटियां सुरक्षित रहेंगी। उनका भविष्य क्या होगा? हम किस समाज में रह रहे हैं और हमारा समाज कहां जा रहा है?”

सिस्टम में सुधार की आवश्यकता – आशा देवी
आशा देवी ने आगे कहा, “12 साल हो गए, निर्भया को न्याय मिला, दोषियों को सजा दी गई। इतने हादसे हो चुके हैं और अभी भी हो रहे हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को न्याय मिला है, दोषी किसी न किसी रास्ते से बच निकलते हैं और अपराध करते हैं। हमारे समाज और सिस्टम में सुधार की जरूरत है।”
VIDEO | “Today, it’s been 12 years… things are the same as it were then. I want to say this with great pain that the struggle is still continuing to ensure that our girls remain safe, however, the situation has not changed. Things have become worse now. There is no hope of any… pic.twitter.com/aU59YPLYDX
— Press Trust of India (@PTI_News) December 16, 2024
आशा देवी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि निर्भया केस के बाद भी देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या कम नहीं हुई है। उनका कहना है कि सिस्टम और समाज में बदलाव की सख्त आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
निर्भया के बाद भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कमी नहीं
निर्भया केस के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ी थी और कई कानूनों में बदलाव किए गए थे, लेकिन आशा देवी का कहना है कि इन बदलावों के बावजूद समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या नहीं घटी है। वह दुख के साथ कहती हैं कि अब भी हर रोज महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं, और इन अपराधों के दोषियों को सजा मिलने में भी देरी होती है।
कानूनी बदलाव और प्रशासनिक सुधार की जरूरत
आशा देवी ने यह भी कहा कि निर्भया को न्याय दिलाने के लिए एक लंबा संघर्ष किया गया, लेकिन अब भी कानून और प्रशासन में सुधार की आवश्यकता है। उनका कहना है कि अगर समाज और सिस्टम में बदलाव नहीं आया तो और अधिक निर्भयाओं को जन्म मिलेगा, जो समाज के लिए एक खतरे की घंटी है।
12 साल बाद भी निर्भया केस के माता-पिता का दर्द और उनकी चिंता यह बताती है कि समाज और सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता अब भी बनी हुई है। निर्भया को न्याय मिल गया, लेकिन आशा देवी की चिंता यह है कि अब भी महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को लेकर स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। उनके इस बयान से यह स्पष्ट है कि समाज और सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और त्वरित सुधार की दिशा में कदम उठाने होंगे।

